कोरियोग्राफर सरोज खान मृत्यु समाचार-Saroj Khan Death Reason Hindi: मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान अब हमारे बीच में नहीं रही, सरोज ने 2 जुलाई गुरुवार को रात 1:52 बजे मुंबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। मशहूर कोरियोग्राफर के निधन से पूरा बॉलीवुड सदमे में है।
Saroj Khan Death Reason Hindi-सरोज खान मृत्यु का कारण?
बताया ये जा रहा है कि कोरियोग्राफर लंबे समय से बीमार चल रही थी। और देर रात गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से 71 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई। तथा शुक्रवार को सुबह मलाड के कब्रिस्तान में सरोज खान को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
Saroj Khan Death Reason Hindi: मशहूर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार से लेकर महानायक अमिताभ बच्चन ने सरोज खान को भाविक श्रद्धांजलि दी। सरोज की मौत पर माधुरी दीक्षित ने कहा कि मैं टूट चुकी हूं और आज मेरे पास शब्दों की भी कमी है। सरोज खान शुरू से ही मेरी यात्रा का हिस्सा रही हैं। उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। इस बड़ी व्यक्तिगत क्षति को सोचकर मेरे दिमाग में उनसे जुड़ी यादें आ रही हैं। उनके परिवार को मेरी संवेदनाएं।
सरोज खान का जन्म
प्रसिद्ध कोरियोग्राफर सरोज खान का जन्म 22 नवंबर 1948 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ। तथा 2 जुलाई गुरुवार को देर रात उनका देहांत हो गया। मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान ने चार दशक से बॉलीवुड के अंदर एक लंबी बेहतरीन पारी खेली। उन्होंने 1974 में कोरियोग्राफर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की, तथा कई बड़ी फिल्मों में कोरियॉग्राफ करते हुए वह इंडस्ट्री में काफी मशहूर हो गईं।
सरोज खान का धर्म परिवर्तन
शायद आप इस बात को नहीं जानते होंगे कि सरोज खान शादी से पहले हिंदू थी उनका असली नाम सरोज किशन चंद साधू सिंह नागपाल था। वो एक सिंधी पजांबी थीं। बाद में उन्होंने मुंबई के सबसे बड़े जामा मस्जिद में अपना धर्म परिवर्तन किया था, और उसके बाद से ही वह पूरी दुनिया में सरोज खान के नाम से जानी जाने लगी। सरोज खान ने यह भी कहां कि उनका धर्म परिवर्तन जबरन नहीं किया गया उन्होंने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया था
सरोज खान का इस्लाम कबूल करना
सरोज खान के इस्लाम कबूल करने की पहली वजह ये थी, कि सरोज खान को इस्लाम धर्म में बच्चों की रुचि देखकर अच्छा लगता था। उन्होंने इंटरव्यू में ये कहा था- कि मैं जब छोटे बच्चों को इस्लाम का पालन करते और इबादत करते देखती थी तो मुझे बहुत अच्छा लगता था। और दूसरी वजह शायद ये रही होगी कि सरोज खान का इस्लाम कुबूल करना एक सपने से भी जुड़ा हुआ है।
वो बताती हैं कि उन्हें सपने में एक बच्ची मस्जिद के अंदर से पुकारती थी। सपने में वह बच्ची सरोज खान को अपनी मां बताती थी और बार-बार उन्हें पुकारती थी। सरोज खान को वो सपना कई बार आता था। और यही वजह रही होगी कि उन्होंने इस्लाम धर्म को कुबूल किया।
यह भी पढें: Remdesivir Drug in Hindi-मिल गया कोरोनावायरस का इलाज
ऐश्वर्या राय के गाने ‘बरसो रे मेघा-मेघा’ को सरोज खान ने ही कोरियोग्राफ किया था। इस गाने के लिए सरोज खान फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीत चुकी थी। इसके अलावा “हम दिल दे चुके सनम” फिल्म के गाने ‘नींबूड़ा’ के लिए भी उसने बेस्ट कोरियोग्राफर का अवॉर्ड अपने नाम कर लिया था। दोनों ने ताल, इरुवर, और प्यार हो गया, देवदास और कुछ ना कहो में भी काम किया है।
सरोज खान और माधुरी दीक्षित की जोड़ी हिट
माधुरी दीक्षित और सरोज खान की जोड़ी ने कई गानों में धमाल मचाया। एक दो तीन, धक धक करने लगा से लेकर डोला रे और तबाह हो गए हम, कई मशहूर गाने माधुरी पर ही फिल्माए गए जिन्हें सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया था। दोनों की जोड़ी इंडस्ट्री में काफी बेमिसाल थी।
सरोज खान को 2003 में रिलीज हुई फिल्म देवदास के गाने डोला रे पर नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है इसके अलावा 2006 में रिलीज हुई फिल्म श्रीनगर और 2008 में जब वी मेट के लिए भी उनको नेशनल फिल्म अवार्ड से नवाजा गया।
Saroj Khan Hindi Biography-सरोज खान की जीवनी
सन 1962 में सरोज खान ने फिल्म कोरियॉग्राफर बी. सोहनलाल से शादी रचाई। उस वक्त सरोज खान केवल 13 साल की थीं और सोहनलाल 41 साल के थे। सोहनलाल पहले से शादीशुदा भी थे, और इस शादी से पहले उनके 4 बच्चे थे। 14 साल की उम्र में सरोज खान मां बन गईं और उनके एक हामिद खान (राजू खान) हुआ।
अपने एक पुराने इंटरव्यू में सरोज खान ने बताया था कि सोहनलाल से उनकी शादी कैसे हुई थी। उन्होंने कहा था, कि जब वह स्कूल में पढ़ाई कर रही थीं, तो एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने एक काला धागा मेरे गले में बांध दिया और मेरी शादी हो गई।
कुछ ही साल बाद सरोज खान और सोहनलाल की शादीशुदा लाइफ में उठापटक शुरू हो गई। और दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए। हालांकि, आपसी रिश्ते खराब होने के बावजूद भी सरोज खान उनके असिस्टेंट के तौर पर काम करती रहीं। जब सोहनलाल को हार्ट अटैक आया तब वे एक बार फिर से एक-दूसरे के करीब हुए। उन्होंने अपने रिलेशनशिप को फिर से बढ़ाने की कोशिश की। इसके बाद उन्हें एक बेटी भी हुई, जिसका नाम हिना खान रखा। इसके बाद सोहनलाल सरोज और बच्चों को छोड़कर मद्रास चले गए।
उसके बाद 1974 में कोरियॉग्रफर के तौर पर उन्होंने अपना करियर शुरू किया और कई बड़ी फिल्मों में कोरियॉग्राफ करते हुए इंडस्ट्री में काफी मशहूर हो गईं। और उसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में जमकर धमाल मचाया। सन 1975 में सरोज खान ने अपनी मैरिड लाइफ के बारे में एक बार फिर से संज्ञान लिया। और सरदार रोशन खान से उन्होंने शादी कर ली। उनको एक बेटी हुई, जिसका नाम उन्होंने सुकन्या रखा। जो कि आज दुबई में अपना डांस इंस्टीट्यूट चला रही हैं।