Prof. Satish Dhawan Birth Anniversary: आइए जानते हैं भारत को आसमान के पार ले जाने वाले रॉकेट वैज्ञानिक सतीश धवन के बारे में

Prof. Satish Dhawan Birth Anniversary in hindi

इसरो के पूर्व अध्यक्ष रह चुके, शोधकार्यों के पिता कहे जाने वाले सतीश धवन की जयंती 25 सितंबर को मनाई जाती है। सतीश धवन को भारत में प्रायोगिक द्रव गतिकी अनुसंधान के जनक के रूप में जाना जाता है। सतीश धवन को उनकी उपलब्धियों के लिए विज्ञान और अभियांत्रिक क्षेत्र में पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

प्रो. सतीश धवन का जीवन परिचय 

भारतीय रॉकेट वैज्ञानिक, प्रोफेसर सतीश धवन का जन्म 25 सितंबर 1920 को  श्रीनगर, भारत में हुआ। इनके पिता देवीलाल धवन आजादी से पहले पंजाब प्रांत में वकील थे तथा बाद में लाहौर हाईकोट में जज बने। सतीश धवन की माता का नाम लक्ष्मी खोसला था। पिता जी के व्यवसाय के चलते सतीश धवन को परिवार के साथ कई शहरों में जाना पड़ा जिसके चलते सतीश धवन जी की प्राथमिक शिक्षा घर पर ही हुई। सतीश धवन बचपन से ही विनम्र स्वभाव के थे।

प्रो. सतीश धवन की शिक्षा

सतीश धवन की प्रारभिक शिक्षा घर पर शिक्षकों द्वारा  कराई गई। 1934 में उन्होंने मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद लुधियाना से विज्ञान में इंटर की परीक्षा पास की। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय (उस समय अविभाजित भारत और वर्तमान पाकिस्तान में) गणित और भौतिकी में स्नातक की डिग्री और अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। स्नातकोत्तर के बाद प्रोफेसर सतीश धवन ने विज्ञान के क्षेत्र में पढ़ाई पूरी करने के लिए विभिन्न संस्थानों में शिक्षा ग्रहण की 

  • मैकेनिकल अभियांत्रिकी में बी.ई., 1945 मिनेसोटा विश्वविद्यालय, मिनियापोलिस 
  • एयरोनॉटिकल अभियांत्रिकी में एम.एस., 1947 कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान,
  • वैमानिकी इंजीनियर की डिग्री, 1949
  • एरोनॉटिक्स और गणित में पीएचडी, 1951, (प्रो. हंस डब्ल्यू लीपमैन के सलाहकार के रूप में)

प्रो. सतीश धवन की वैज्ञानिक उपलब्धियां 

प्रो. सतीश धवन ने ग्रामीण शिक्षा, सुदूर संवेदन और उपग्रह संचार जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी। इन्सैट- एक दूरसंचार उपग्रह, आई.आर.एस. – भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पी.एस.एल.वी.) जैसी परिचालन प्रणालियों का नेतृत्व किया। सतीश धवन को प्रायोगिक द्रव गतिकी अनुसंधान का जनक माना जाता है।

सतीश धवन जी को भारतीय विज्ञान संस्थान में भारत में पहली सुपरसोनिक पवन सुरंग स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने अलग-अलग बाउंड्री लेयर फ्लो, थ्री-डायमेंशनल बाउंड्री लेयर्स और ट्राइसोनिक फ्लो के रीलेमिनाराइजेशन पर भी शोध किया।

इनका सबसे अधिक योगदान हरमन श्लीचिंग द्वारा मौलिक पुस्तक बाउंड्री लेयर थ्योरी में प्रस्तुत किया गया है ।

डॉ. हंस डब्ल्यू लिपमैन सतीश धवन के डॉक्टरेट सलाहकार थे।

अपने जीवन काल में सतीश धवन जी ने अनेक प्रमुख पद हासिल किए 

  • वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, 1951
  • वैमानिकी अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख, 1955
  • कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यू.एस.ए. विजिटिंग प्रोफेसर, 1971-72
  • राष्ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशाला, बेंगलूरु, भारत अध्यक्ष, अनुसंधान परिषद, 1984-93
  • भारतीय विज्ञान अकादमी राष्ट्रपति, 1977-1979
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अध्यक्ष, 1972-1984

प्रोफेसर सतीश धवन को प्राप्त राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान 

सतीश धवन को वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए सन् 1971 में पद्म भूषण पुरस्कार और सन् 1981 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी  पुरस्कार सन् 1999 में दिया गया।

 सतीश धवन जी द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किए अद्वितीय कार्यों को देखते हुए उनके सम्मान में अनेक प्रमुख स्थानों को उनके नाम पर रखा गया है 

  • दुनिया के अंतरिक्ष बंदरगाहों के सबसे प्रसिद्ध नामों में से एक अंतरिक्ष केंद्र, जिसे शार (श्रीहरिकोटा रेंज) के नाम से जाना जाता था जो आंध्र प्रदेश, तिरुपति जिला के श्रीहरिकोटा में स्थित है, इसे 5 सितंबर, 2002 को प्रो. सतीश धवन की स्मृति में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार कर दिया गया।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणी में सतीश धवन पुरस्कार 2008 से दिया जाना प्रारंभ किया गया इस पुरस्कार में 1लाख की राशि, पदक और  प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। देश में सुदूर संवेदन विज्ञान प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस पुरस्कार को दिया जाता है।

सतीश धवन की मृत्यु 

3 जनवरी 2002 को बेंगलुरू में 81 वर्ष की उम्र में प्रो. सतीश धवन ने दुनिया को अलविदा कह दिया। सतीश धवन के जीवन की उपलब्धियां और उनकी मेहनत करने का जज्बा हमें प्रेरणा देता है कि लगातार प्रयास से सफलता अवश्य मिलती है।

FAQ About Prof. Satish Dhavan Birth Anniversary

Q.1 सतीश धवन जयंती कब मनाई जाती है?

Ans. 25 सितंबर को।

Q.2 सतीश धवन को भारत में किसका जनक माना जाता है?

Ans. प्रायोगिक द्रव गतिकी अनुसंधान का।

Q.3 सतीश धवन अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र कहां स्थित हैं?

Ans. आंध्र प्रदेश में।

Q.4 सतीश धवन पुरस्कार कब से दिया जाता है?

Ans. 2008 से।

Q.5 सतीश धवन को भारतीय अंतरिक्ष आयोग का अध्यक्ष कब बनाया गया?

Ans. 1972 से 1984 तक।

Q.6 भारत में पहली सुपरसोनिक पवन सुरंग स्थापित करने का श्रेय किसे दिया जाता हैं? 

Ans. प्रो. सतीश धवन को।

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