स्वामी विवेकानंद पुण्यतिथि 2020 पर जानिए उनसे जुड़ी खास बातें

स्वामी विवेकानंद पुण्यतिथि 2020
स्वामी विवेकानंद पुण्यतिथि 2020

स्वामी विवेकानंद पुण्यतिथि 2020: भारतीय इतिहास की सबसे प्रमुख हस्तियों में से एक स्वामी विवेकानंद की 116वीं पुण्यतिथि आज पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही है। स्वामी विवेकानन्द ने सन 1893 में सबसे पहले शिकागो में पूरी दुनिया को धर्म और अध्यात्म ज्ञान से परिचित कराया था। उन्होंने अपने छोटे से जीवनकाल में ही पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का डंका बजा दिया था। आज भी उनके विचार हमारे जीवन में अनमोल मंत्र के रुप में काम आते हैं।

स्वामी विवेकानंद ने धार्मिक कट्टरता और हिंसा के खिलाफ अपने संदेश से पूरी दुनिया को प्रभावित किया। तथा उनकी शिक्षा और संदेशों को आज भी युवाओं में जागरूकता और दृढ़ संकल्प के तौर पर प्रसारित किया जाता है।

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय

स्वामी विवेकानंद के जन्म दिन को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ। उनका बचपन का नाम नरेंद्र था, तथा उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और उनकी माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। 4 जुलाई 1902 को बेलूर मठ पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के तट पर चंदन की चिता पर स्वामी जी का अंतिम संस्कार किया गया।

स्वामी विवेकानंद मृत्यु का कारण

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु के बारे में मशहूर बांग्ला लेखक मणिशंकर मुखर्जी की पुस्तक ‘द मॉन्क एज मैन’ में बताया गया है कि – माइग्रेन, मधुमेह, मलेरिया, निद्रा, यकृत, गुर्दे व दिल सहित 31 बीमारियों से वो जूझ रहे थें और यही बीमारियां उनकी मौत का कारण बनी। महज 39 साल की उम्र में विवेकानंद ने शरीर त्याग दिया।

स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें

स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर अमेरिका में रामकृष्ण मिशन की शुरुआत की। अमेरिका में उन्होंने इस मिशन की अनेक शाखाएं स्थापित कीं। अनेक अमेरिकन विद्वान उनके शिष्य बने। वे हमेशा अपने को गरीबों का सेवक कहते थे। स्वामी विवेकानंद ने सबसे पहले अपने भाषण की शुरुआत “मेरे अमेरिकी भाइयो और बहनो” संबोधन के साथ की।

स्वामी जी द्वारा यह भाषण बोलते ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। और वहां उपस्थित हर व्यक्ति उनके विचारों से प्रभावित हुआ। और इसी वजह से विदेशी मीडिया ने उन्हें साइक्लॉनिक हिंदू नाम दिया।

यह भी पढें: Saroj Khan Death Reason Hindi-सरोज खान मृत्यु का कारण?

स्वामी विवेकानंद पुण्यतिथि 2020: विवेकानंद जब विश्व धर्म महासभा में भारत की तरफ से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व करने गए तो वहां के आयोजकों ने उन्हें परेशान करने के लिए उनके नाम के आगे शून्य लिख दिया था। उसके बाद स्वामी विवेकानंद ने स्टेज पर जाते ही अपने भाषण की शुरूआत शून्य से ही कर डाली।

Video Credit: OneIndia Hindi

विश्व धर्म सम्मेलन में हिन्दू धर्म पर प्रभावी भाषण देने के बाद अखबार ‘न्यूयॉर्क हेरॉल्ड’ ने विवेकानंद के लिए यह बात लिखी, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद सबसे महान व्यक्तित्व हैं। उन्हें सुनकर लगता है कि भारत जैसे ज्ञानी राष्ट्र में ईसाई धर्म प्रचारक भेजना मूर्खतापूर्ण है। और जब कभी स्वामी जी मंच से भी गुजरते हैं तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगती थी।

स्वामी विवेकानंद की जीवनी

स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण परमहंस से आध्यात्मिक शिक्षा ग्रहण की, स्वामी विवेकानंद ने कोई विवाह नहीं किया, सन 1884 में उन्होंने B.A. की डिग्री प्राप्त की, और उसके बाद से ही वे महान कार्यों में लग गए, उन्होंने जगह-जगह अपना ज्ञान प्रचार किया। उनका एक ही नारा प्रसिद्ध था

“उठो जागो और तब तक लगे रहो जब तक सफलता प्राप्त ना हो जाए”।

स्वामी विवेकानंद की शिक्षाऐं

  1. स्वामी जी कहते थे कि “जितना बड़ा आपका संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी”
  2. स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि पढ़ने के लिए एकाग्रता जरूरी है और एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान, ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है |
  3. स्वामी जी कहते हैं कि ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है |
  4. स्वामी जी कहते थे कि लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या कल , तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट ना होना |
  5. जिस समय आप जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, उसे ठीक उसी समय पर कर लेना चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है |
  6. जब तक आप खुद पर भरोसा नहीं करोगे तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते|
  7. एक समय में एक ही काम करो, और ऐसा करते समय उसमें आप अपनी पूरी जान डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ
  8. बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का एक बड़ा रूप हैं।
  9. जिस दिन आपके सामने कोई समस्या ना आये तो आप समझ लेना कि आप गलत रास्ते पर चल रहे हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *