Study to Generation Z : क्या कारण है कि चार में से तीन ज़ूमर्स नकारात्मक भावनाओं के लिए सोशल मीडिया को दोषी ठहराते हैं?

Study to Generation Z in Hindi

Study to Generation Z: समय समय पर सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू उभरकर सामने आते हैं। हाल ही में 20 जून से 24 जून, 2024 तक एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा टॉकर रिसर्च कमीशन के अध्ययन के अनुसार 4 में से 3 जनरेशन जे़ड के लोग नकारात्मक प्रभाव के लिए सोशल मीडिया को दोषी ठहराते हैं तथा 62 % लोग अपनी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अच्छी फीड्स के लिए उन्हें रिसेट करना चाहते हैं। ताकि वे गलत वीडियो देखने से बचें और अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकें।

Study to Generation Z  (Gen Z) मुख्य बिंदु

  • मिलेनियल्स के बाद की पीढ़ी जनरेशन जे़ड कहलाती है, जो 1997 से 2012 तक पैदा हुए अमेरिकियों की पीढ़ी को करती है, संदर्भित।
  • सोशल मीडिया में समय व्यतीत करने से लगभग आधी आबादी को नकारात्मक भावनाएं महसूस होती हैं। 49% लोगों में तनाव और 30% लोगों में चिंता का कारण बनता है, सोशल मीडिया। 
  • केवल 16% लोग ही सोशल मीडिया चलाने के दौरान अपनी भावनाओं को कर पाते हैं, नियंत्रित। 
  • संत रामपाल जी महाराज जी की आध्यात्मिक शिक्षा से प्रेरित होकर आज के युवा कर रहे हैं सोशल मीडिया का सदुपयोग।

जनरेशन जे़ड  (Gen Z) क्या है?

जनरेशन ज़ेड (Generation Z) को बोलचाल की भाषा में ज़ूमर्स भी कहा जाता है। 1 पीढ़ी की अवधि 15 साल होती है। 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों की पीढ़ी को Generation Z नाम दिया गया है, जो कि अमेरिकियों की पीढ़ी को संदर्भित करती है। यह पीढ़ी अल्फा जनरेशन से पहले आती है। ज़ूमर्स के लोग छोटी उम्र से इंटरनेट और डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। इस पीढ़ी के कई लोग कॉलेज से निकल गए है या शादी करके अपना परिवार शुरु कर चुके हैं अथवा 12 साल उम्र के हो सकते हैं। 

जनरेशन जे़ड  (Gen Z) पर सोशल मीडिया का बुरा असर

टॉकर रिसर्च द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले 2000 जेन ज़ेड  (Gen Z) अमेरिकियों का ऑनलाइन सर्वेक्षण किया गया। अध्ययन से पता चला कि 4 में से 3 जनरेशन जे़ड के लोगों में सोशल मीडिया उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। 20 जून से 24 जून, 2024 तक किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि फेसबुक 13%, इंस्टाग्राम 20%, और टिकटॉक 20% तक सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने ज़ूमर्स के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है। अध्ययन से पता चला कि सोशल मीडिया पर केवल 38 मिनट बिताने के बाद ही नकारात्मक फीड के कारण जेन ज़ेड (Gen Z) गलत भावनाओं का अनुभव करते हैं। 

जनरेशन जे़ड (Gen Z) में सोशल मीडिया की लत का कारण 

अध्ययन के अनुसार, जनरेशन Z के लोग बार-बार सोशल मीडिया पर आते हैं और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान होने के बावजूद इसे छोड़ नहीं पा रहे, सोशल मीडिया का उपयोग और इसकी लत के पीछे कई कारण बताए –

1. बोरियत दूर करने में – 66% 

2. मैं हंसना या मुस्कुराने चाहता हूं – 59% 

3. व्याकुलता / ध्यान भटकाने में – 55%

4. दुनिया में क्या हो रहा है देखने में – 49%

5. मेरे दोस्त क्या कर रहे हैं देखने में – 44%

6. दूसरों से जुड़ने में – 42%

7. वियोग / विश्राम की आवश्यकता में – 33%

7. विशिष्ट जानकारी तलाशने में – 32%

सोशल मीडिया के कंटेंट में एल्गोरिदम महत्वपूर्ण है 

यूएस मार्केटिंग में एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रमुख लुइस गिआग्रांडे ने कहा कि सोशल मीडिया के कंटेंट में एल्गोरिदम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम जीवन में जागरूक होने, संतुलन, प्रेरणा और खुशी के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा ऑनलाइन रहने में व्यतीत करते हैं जो मानसिक रूप से थका हुआ महसूस नहीं होने देता। लुइस गिआग्रांडे ने बताया कि सकारात्मक पोस्ट दिखने पर उसे लाइक और कमेंट करना चाहिए जिससे आपके फीड पर सकारात्मक पोस्ट दिखने लगेंगे और हम उस कंटेंट का आनंद उठा सकते हैं।

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सोशल मीडिया पर सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष 

  • अध्ययन के अनुसार 38% Generation Z मानती है कि अगले पांच सालों में मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया बेहतर प्रभाव दिखा सकती है। 
  • 80% लोगों का दावा है कि वे अपनी भावनाओं को सकारात्मक प्रभाव से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। वे शरारत वीडियो 34%, कॉमेडी 65%, जानवर 48% और सौंदर्य 40% जैसे वीडियो देखकर अपनी मनोदशा को सकारात्मकता से जोड़ते हैं। 
  • 65% ज़ूमर्स का दावा है कि सोशल मीडिया ने उनके बुरे दिनों को अच्छे दिनों में बदल दिया। 
  • 44% का मानना है कि सोशल मीडिया ने उनके जीवन के दृष्टिकोण पर सकारात्मक प्रभाव दिखाया। 
  • लगभग 53% ज़ूमर्स ने दावा किया कि वे जो चीज़ देखना चाहते हैं वह उससे मेल नहीं रखते। जिससे वे सोशल मीडिया पर मौजूद सामग्री से निराशा महसूस करते हैं। 
  • अध्ययन से पता चला कि 54% ज़ूमर्स जो सोशल मीडिया पर जो भी सामग्री देखते हैं उनमें, उनका कुछ या बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं है। केवल 16% लोगों का ही सोशल मीडिया पर पूरा नियंत्रण है। 

सोशल मीडिया कंटेंट नकारात्मक भावनाओं को देता है जन्म 

टॉकर रिसर्च द्वारा किए गए अध्ययन से निष्कर्ष निकलता है कि जनरेशन Z की लगभग आधी आबादी सोशल मीडिया पर समय बिताने के दौरान तनाव और चिंता जैसी नकारात्मक भावना का अनुभव करती है। इसके अलावा सोशल मीडिया के इन प्लेटफ़ॉर्म पर शारीरिक हिंसा 50%, राजनीति 40%, अश्लील मूवी, गाने यौन रूप से स्पष्ट सामग्री 32 % और जातिगत भेदभाव आदि नकारात्मक वस्तुएं उनमें नकारात्मक भावनाओं को जन्म देती है।

अध्ययन के अनुसार सोशल मीडिया के दो पहलू उभरकर सामने आए हैं। नैतिक विचार समाज में सकारात्मक दिशा और सोच को जन्म देती है, जो सोशल मीडिया में बुराई को दबाने की बहुत बड़ी ताकत हो सकती है। वहीं दूसरी ओर अश्लील वीडियो, गाने, दंगे फसाद, राजनीति आदि युवाओं को गलत विचारों के साथ-साथ उनके जीवन को नर्क बना देती है। 

कैसे करें सोशल मीडिया का सदुपयोग?

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अनुयायियों को आध्यात्मिक सत्संगों के द्वारा सोशल मीडिया के लाभ से परिचित करवाया। उनका मानना है कि सोशल मीडिया परमात्मा की देन है, इसका सदुपयोग करना चाहिए। उनके सभी अनुयायी रागिनी गाने, अश्लील वीडियो और तमाम प्रकार की नकारात्मक चीजों का पूर्णतः बहिष्कार करते हैं और दूसरों को इसके सदुपयोग से परिचित करवाते हुए सत्संग सुनने के लिए प्रेरित करते हैं। 

FAQS on Generation Z

1. जनरेशन Z  (Gen Z) के बाद कौन सा जनरेशन आता है?

उत्तर:- अल्फा जनरेशन। 

2. मिलेनियल्स पीढ़ी की अवधि कब से कब तक थी?

उत्तर:- सन् 1981 से 1996 तक।

3. अमेरिकियों की 1 पीढ़ी में कितने वर्ष होते हैं?

उत्तर:- 15 वर्ष

4. जनरेशन Z  (Gen Z) को और किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर:- ज़ूमर्स।

5. कितने जेन जे़ड बच्चे उदास हैं?

चिंता और अवसाद जेन जे़ड के बीच 2 सबसे बड़ी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं, मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति से पीड़ित 10 में से 9 व्यक्तियों में चिंता और 10 में से 8 में अवसाद है ।

6. जेन जेड सोशल मीडिया के लिए क्या उपयोग कर रहे हैं?

कई जेन ज़र्स दोस्तों और परिवार के साथ संपर्क में रहने के लिए स्नैपचैट, इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं।

7. जनरेशन Z की पीढ़ी सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव से कैसे बच सकते हैं?

उत्तर:- संत रामपाल जी महाराज परमात्मा के तत्वज्ञान को बताकर भक्त समाज को सोशल मीडिया के सदुपयोग से परिचित करवाते हैं और नकारात्मक कंटेंट का पूर्णतः बहिष्कार करते हैं। जनरेशन Z की पीढ़ी को संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक प्रवचन सुनने की आवश्यकता है, जिससे वे अपनी भावनाओं को सकारात्मकता की ओर अग्रसर कर सकते हैं।

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