World Cancer Day: Cancer ka Ilaj (कैंसर का इलाज): नमस्कार दर्शकों! खबरों की खबर का सच स्पेशल कार्यक्रम में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। इस बार हम कैंसर यानि (कर्कट रोग) जैसी गंभीर बीमारी के बारे में चर्चा करेंगे और साथ ही जानेंगे की आखिर कैसे हम लाइलाज बीमारियों से निजात पा सकते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं आज की पड़ताल। दोस्तों आज इक्कीसवीं सदी में मेडिकल साइंस की इतनी प्रगति के बाद भी मानव सैकड़ों लाइलाज बीमारियों के कारण बेबस दिखाई देता है। ऊपर से स्वस्थ दिखने वाले शरीर में कब, कौन सी लाइलाज जानलेवा बीमारी पैदा हो जाती है यह कोई नहीं जान पाता। अस्पतालों के ओपीडी साल के 365 दिन मरीजों के आवागमन के चशमदीद गवाह हैं। बेबस डाक्टर और जीवन जीतने को मजबूर दिखाई देते हैं रोज़ लाखों मरीज़।
दोस्तों, मानव शरीर अनगिनत कोशिकाओं यानी सैल्स से बना हुआ है और इन कोशिकाओं में निरंतर ही विभाजन होता रहता है । वैसे तो यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इस पर शरीर का पूरा नियंत्रण होता है। लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकाएं बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती हैं, उसे कैंसर कहा जाता है। 200 से भी अधिक प्रकार के कैंसर मनुष्यों को प्रभावित करते हैं।
World Cancer Day: मानव शरीर में कैंसर की शुरूआत कैसे होती है ?
मानव शरीर में जब कोशिकाओं के जीन (gene) में परिवर्तन होने लगता है, तब कैंसर की शुरुआत होती है। ऐसा नहीं है कि किसी विशेष कारण से ही जीन में बदलाव होते हैं, यह स्वंय भी बदल सकते हैं या फिर दूसरे कारणों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे- गुटका और तंबाकू जैसी नशीली चीजें लगातार खाने से और अल्ट्रावॉयलेट रेज़ या फिर रेडिएशन आदि इसके लिए जिम्मेदार कारण हो सकते हैं ।
कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है, परंतु कभी-कभी कैंसर की कोशिकाओं को इम्यून सिस्टम झेल नहीं पाता और व्यक्ति को कैंसर जैसी लाइलाज बिमारी हो जाती है । जैसे-जैसे शरीर में कैंसर वाली कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं, वैसे-वैसे ट्यूमर यानि एक प्रकार की गांठ उभरती रहती है। यदि इसका उपचार सही समय पर न किया जाए तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है।
World Cancer Day: कैसे और क्यों होता है कैंसर?
लगभग 22% कैंसर से होने वाली मौतों का कारण तंबाकू का उपयोग है। अन्य 10% मोटापे, खराब आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी या अत्यधिक शराब पीने के कारण हैं। अन्य कारकों में कुछ संक्रमण, आयनकारी विकिरण के संपर्क में आना और पर्यावरण प्रदूषण शामिल हैं।विकासशील देशों में, 15% कैंसर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, ह्यूमन पैपिलोमावायरस संक्रमण, एपस्टीन-बार वायरस और ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) जैसे संक्रमणों के कारण होते हैं। ये कारक, कम से कम आंशिक रूप से, कोशिका के जीन को बदलकर कार्य करते हैं। लगभग 5-10% कैंसर वंशानुगत आनुवंशिक दोषों के कारण होते हैं।
Cancer ka Ilaj: क्या कैंसर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है
Cancer ka Ilaj (कैंसर का इलाज): कुछ संकेतों और लक्षणों या स्क्रीनिंग परीक्षणों से कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इसके बाद आमतौर पर मेडिकल इमेजिंग द्वारा इसकी जांच की जाती है और बायोप्सी द्वारा इसकी पुष्टि की जाती है। जीवित रहने की संभावना उपचार की शुरुआत में कैंसर के प्रकार और बीमारी की सीमा पर निर्भर करती है।
World Cancer Day: कैंसर के प्रारंभिक लक्षण कौन कौन से हैं?
यदि हम कैंसर के प्रारंभिक लक्षण की बात करें तो शरीर में किसी भी अंग में घाव या नासूर हो जाना जो समय के साथ भी न भरे उसे कैंसर का प्रारंभिक लक्षण कहा गया है। इसके अलावा लम्बे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्दरहित गॉंठ या सूजन का होना, मल, मूत्र, उल्टी और थूक में खून आना। आवाज़ में बदलाव आना, निगलने में दिक्कत आना, मल-मूत्र की सामान्य आदत में परिवर्तन होना, लम्बे समय तक लगातार खॉंसी आना। पहले से बनी गॉंठ, मस्सों व तिल का अचानक तेजी से बढ़ना और रंग में परिवर्तन या पुरानी गॉंठ के आस-पास नयी गांठो का उभरना। बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी हो जाना, आदि आदि लक्षण प्रारंभिक माने गए हैं।
Cancer ka Ilaj (कैंसर का इलाज): कैंसर होने पर क्या करना चाहिए ?
कैंसर एक ऐसा रोग है, जो धीरे-धीरे हमारे शरीर में पनपता है और समय के साथ-साथ भयंकर रुप ले लेता है परंतु यदि समय पर इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इस पर काबू पाया जा सकता है ।
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कैंसर होने की स्थिति में क्या करें और क्या न करें, यह एक समस्या है, परंतु सबसे पहले क्या करना चाहिए, यह हम आपको बताते हैं । अपने नज़दीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से कंसल्ट करें । कैंसर और उसकी स्टेज जानने के लिए कुछ टेस्ट आवश्यक होते हैं और उन्हीं के दम पर डॉक्टर रोगी का आगे का इलाज करता है
कुछ टेस्ट हैं जो आरंभिक जांच में मदद करते हैं
- सीबीसी और ड्ब्लूबीसी
- सीटी स्कैन और एमआरआई
- हीमोग्लोबिन टेस्ट
- बायोप्सी
World Cancer Day: भारत में कैंसर से पीड़ित होने वालों के आंकडें
वर्तमान समय में देश में 22 लाख से ज्यादा कैंसर मरीज हैं, जो जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। अकेले भारत में ही प्रति वर्ष करीब साढ़े 11 लाख कैंसर के नए मरीज सामने आते हैं जिनमे से 8 लाख लोग प्रति वर्ष कैंसर की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। 75 साल से कम उम्र के लोगों की बात करें तो 9.81 फीसदी पुरुष और 9.42 फीसदी महिलाओं में कैसर होने का डर रहता है। साल 2018 में कैंसर से 7 लाख 84 हजार 821 लोगों की जान चली गई थी। साल 2018 में कैंसर से होने वाली मौतों में पुरुषों की संख्या अधिक थी। 2018 में कैंसर से 4,13,519 पुरुष और 3,71,302 महिलाओं की मौत हो गई थी। पुरुषों में मुंह और फेफड़ों के कैंसर से 25 फीसदी लोगों की जान गई है, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के केस ज्यादा हैं। इसके अलावा भारत में हर 8 मिनट में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से एक महिला की मौत हो जाती है।
World Cancer Day: आईसीएमआर के अनुसार गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर तीसरा सबसे आम कैंसर है। वहीं तंबाकू के उपयोग से संबंधित कैंसर पुरुषों और महिलाओं में लगभग 30 प्रतिशत होता है। स्तन कैंसर के इलाज के बाद भी 2 में से एक महिला की मौत हो जाती है। आप शायद यह सुनकर दंग रह जाएंगे लेकिन हर दिन तंबाकू की वजह से 3500 लोगों को कैंसर हो जाता है। अगर कैंसर के कारणों की बात करें तो तंबाकू सेवन करने से 17.4 फीसदी, एल्कोहोल से 6.5 फीसदी और इंफेक्शन से 21.7 फीसदी लोगों को कैंसर होता है। वर्तमान समय में देश में 30 साल से 69 साल के बीच कैंसर के मरीजों की संख्या 5,56,400 है।
World Cancer Day: यूआईसीसी की संस्था इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) द्वारा 17 दिसंबर को जारी ‘ग्लोबोकैन 2020’ की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में दुनिया भर में कैंसर के करीब 1.93 करोड़ मामले सामने आए हैं। विश्व स्तर पर, 5 में से 1 व्यक्ति अपने जीवनकाल में कैंसर से एक बार पीड़ित होता है। वहीं 8 में से 1 पुरुष और 11 में से 1 महिला की कैंसर से मृत्यु हो जाती है। इन नए अनुमानों से पता चलता है कि अभी 5 करोड़ से अधिक लोग कैंसर बीमारी के साथ जी रहे हैं।
Cancer ka Ilaj (कैंसर का इलाज): बीमारी और कष्ट मनुष्य को शारीरिक हानि क्यों पहुंचाते रहते हैं?
दोस्तों! इस संसार में कर्म प्रधान हैं अर्थात जो व्यक्ति जैसे कर्म करेगा उसे उसका वैसा ही फल भोगना पड़ता है। कर्म के फल दो प्रकार से भोगने पड़ते हैं। अच्छे कर्मों के लिए पुण्य और बुरे कर्मों के लिए पाप। शरीर में आने वाले कष्ट, रोग व बीमारियां पिछले जन्मों में किए गए पाप कर्मों का परिणाम होता है। पाप कर्मों के कारण होने वाली बीमारियों का इलाज केवल मैडिकल साइंस से संभव नहीं है इसके लिए तो सच्चे वैध यानी सतगुरु रूपी सच्चे आध्यात्मिक डॉक्टर की आवश्यकता होती है। एक सच्चा सतगुरु ऐसा पाप नाशक मंत्र बताता है जिस से साधक के सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं और उसकी सभी बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
इसी विषय में आदरणीय संत गरीबदास जी बताते हैं,
मासा घटे न तिल बढ़े, विध ना लिखे जो लेख।
साचा सतगुरु मेट कर, ऊपर मार दे मेख।।
Cancer ka Ilaj (कैंसर का इलाज) : पवित्र वेद गवाही देते हैं की पूर्ण परमात्मा कविर्देव अपने सच्चे साधक के सभी रोग दूर करके उसकी आयु भी बढ़ा देता है। आज से 600 साल पहले पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ने दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी का असाध्य जलन का रोग अपने आशीर्वाद मात्र से ठीक कर दिया था। वर्तमान समय में भी कबीर साहेब जी के अवतार संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आए भक्तों को ऐसे ही अनेकों लाभ रोज़ मिल रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सैंकड़ों अनुयायी जो पहले कैंसर से पीड़ित थे या कैंसर की लास्ट स्टेज पर थे । आपको जानकर खुशी होगी कि उन सभी ने कैंसर (Cancer ka Ilaj (कैंसर का इलाज) जैसी लाइलाज बीमारी से सदा के लिए निजात पा लिया है। संत रामपाल जी द्वारा बताई गई शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना करने मात्र से अनुयायियों को कैंसर, एड्स, डायबिटीज, सेप्सिस, टीबी आदि जैसी अन्य अनेक भयानक बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।
इस घोर कलयुग में जब काल सब जगह मनुष्यों ,जानवरों और पक्षियों को दुखी कर रहा है ऐसे समय में केवल जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आए प्राणियों को ही सर्व शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और भौतिक लाभ मिल रहे हैं । अतः इस वीडियो को देखने वाले सभी भाईबहनों से प्रार्थना है की संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर सतभक्ति कीजिए और सभी तरह के दुखों और रोगों से छुटकारा पाइए।
धन्यवाद।