जापान में लगी भयानक जंगल की आग ने दर्जनों घरों को नष्ट कर दिया और सैकड़ों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। ओफ़ुनाटो शहर में मार्च में भड़की इस आग ने अब तक 2,100 हेक्टेयर (5,190 एकड़) जंगल को जलाकर राख कर दिया।
कम से कम 84 घर तबाह हो चुके हैं और 1,200 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। आग पर काबू पाने के लिए 2,000 से अधिक सैनिक और दमकलकर्मी राहत कार्यों में जुटे थे। यह घटना हमें जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अधिक सतर्क रहने की चेतावनी देती है।
जापान के ओफ़ुनाटो में भयानक जंगल की आग सेसंबंधित मुख्य बिंदु
1 . अब तक की सबसे बड़ी आग:
पिछले 50 वर्षों में यह जापान की सबसे भीषण जंगल की आग। आग ने अब तक 2,100 हेक्टेयर (5,190 एकड़) जंगल को नष्ट कर दिया।
2 . प्रभावित क्षेत्र और नुकसान:
84 से अधिक घर तबाह हो चुके हैं। 1,200 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
3 . राहत और बचाव कार्य:
2,000 से अधिक सैनिक और दमकलकर्मी आग बुझाने में जुटे थे। 14 क्षेत्रों से आए अग्निशामक आग बुझाने में लगे थे।
4 . हवाई मदद से राहत प्रयास :
16 हेलीकॉप्टरों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की। इनमें जापानी सेना के हेलीकॉप्टर भी शामिल थे।
5. प्राकृतिक आपदा और जलवायु परिवर्तन:
यह घटना जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को दर्शाती है। जंगलों को बचाने और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने की आवश्यकता।
6 . आगे की चुनौतियाँ:
आग पर पूरी तरह काबू पाने में अधिक समय लगा। बेघर हुए लोगों के लिए राहत और पुनर्वास कार्य किए गए।
जापान की सबसे बड़ी जंगल की आग, उत्तरी जापान में तबाही
- भीषण जंगल की आग ने तीन दशकों में सबसे बड़ी आपदा पैदा कर दी।
- इसमें एक व्यक्ति की मौत हुई और 84 इमारतों के क्षतिग्रस्त होने का अनुमान लगाया गया है। लगभग 2,000 लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के पास रहने के लिए शरणार्थी बने।
- 1,200 से अधिक लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में भेजे गए।
जापान में तीन दशकों की सबसे भीषण जंगल की आग
- आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, यह आग 1992 में कुशिरो, होक्काइडो में लगी आग के बाद सबसे बड़ी है। यह आग 1,800 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैली। चार दिन बाद भी धुआं जारी था।
- 2023 में जापान में लगभग 1,300 जंगल की आग दर्ज की गईं।
- अधिकतर आग फरवरी से अप्रैल के बीच लगी, जब हवा सूखी और तेज़ होती है।
- फरवरी 2024 में ओफ़ुनाटो में सिर्फ 2.5 मिलीमीटर (0.1 इंच) बारिश हुई।
- यह 1967 के पिछले 4.4 मिलीमीटर के रिकॉर्ड से भी कम थी। औसत 41 मिलीमीटर बारिश के मुकाबले यह काफी नीचे रही, जिससे हालात और बिगड़ गए।
- सूखे और तेज़ हवाओं की वजह से जंगल की आग तेजी से फैलती हैं।
- लगातार कम होती बारिश और बदलते मौसम के पैटर्न आग जैसी आपदाओं को और बढ़ा सकते हैं।
जंगल की आग में गिरावट
जापान में जंगल की आग की संख्या 1970 के दशक के बाद से कम हो गई है। हालांकि, यह घटना दिखाती है कि जलवायु परिवर्तन और बदलते मौसम अभी भी जंगलों के लिए बड़ा खतरा हैं।
क्या जलवायु परिवर्तन है ज़िम्मेदार?
विशेषज्ञों के अनुसार, सूखी जलवायु और तेज़ हवाएं जंगल की आग को और अधिक खतरनाक बना रही हैं। इस आपदा से हमें सबक लेने की ज़रूरत है, पर्यावरण सुरक्षा अब हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए ।
जापान के ओफ़ुनाटो में जंगल की आग से संबंधित मुख्य FQS
1 . यह जंगल की आग कब और कहां लगी?
उत्तर: यह आग जापान के ओफ़ुनाटो शहर के पास लगी, जो फरवरी 2024 में भड़क उठी और अब तक 1,800 हेक्टेयर से अधिक जंगल को जलाकर राख कर चुकी है।
2 . यह आग कितनी बड़ी है और कितना नुकसान हुआ है?
उत्तर: यह आग 1992 में कुशिरो, होक्काइडो में लगी आग के बाद जापान की सबसे बड़ी जंगल की आग मानी जा रही है। अब तक 1,800+ हेक्टेयर जंगल तबाह हो चुके हैं, 84 से अधिक घर जल चुके हैं, और हज़ारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
3 . आग बुझाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
उत्तर :जापान के 14 क्षेत्रों से अग्निशमन टीमें और सैन्य हेलीकॉप्टर आग बुझाने के प्रयासों में लगे हुए हैं। 2,000 से अधिक दमकलकर्मी और राहतकर्मी राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
4. आग इतनी तेज़ी से क्यों फैल रही है?
उत्तर: फरवरी में बहुत कम बारिश हुई (सिर्फ 2.5 मिमी), जिससे जंगल पूरी तरह से सूखा था। तेज़ हवाओं और सूखी जलवायु के कारण आग तेज़ी से फैल गई।
5. क्या यह जलवायु परिवर्तन से जुड़ा है?
उत्तर : विशेषज्ञों का मानना है कि सूखी जलवायु और बढ़ती गर्मी के कारण जंगल की आग की घटनाएं बढ़ रही हैं। कम बारिश और तेज़ हवाएं आग को अधिक भड़काने में मदद कर रही है।