
कहानीकार नहीं, युगद्रष्टा थे प्रेमचंद – यथार्थवादी और सामाजिक चेतना से भरपूर साहित्य
मुंशी प्रेमचंद नाम ही काफी है, इनको समझा मतलब जीवन की सर्तकता को जानना है। जीने की कला क्या होती है ? समाज में कैसे विचरण किया जाता है ? लोगों की भावनाओं को मध्यनजर रखते हुए अपने कर्तव्यों को कैसे निभाया जाता है ? प्रेम का वास्तविक रूप क्या है ? ये सर्व जानकारी…