
सृष्टि का संचालन: विज्ञान, धर्म और आत्मज्ञान के आईने में
इस सृष्टि का संचालन कोई-न-कोई तो कर ही रहा है—तभी तो यहां की सारी व्यवस्थाएं एक नियमित क्रम में चल रही हैं। जगत के सभी जीव—पशु, पक्षी, जलचर, नभचर, थलचर—हर एक के लिए भोजन, पानी और रहने की व्यवस्था बनी हुई है। सोचकर देखो, जैसे एक पिता अपने पूरे परिवार का पालन-पोषण करता है, वैसे…