Last Updated on 3 December 2021: 5: 22 PM IST: आज हम आपको Surya Grahan 2021 की विस्तृत जानकारी देंगे, जैसे कब है सूर्य ग्रहण?, कैसे घटता है सूर्य ग्रहण?, सूर्य ग्रहण का समय क्या है? आदि आदि…
यहां देखा जा सकेगा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse December 2021)
शनिवार 4 दिसंबर का सूर्य ग्रहण एक ध्रुवीय ग्रहण के रूप में दिखाई देगा ऐसा बताया जा रहा है, जो अंटार्कटिका महाद्वीप पर होगा. वैसे तो इस साल का ये सूर्य ग्रहण दुनिया के कई हिस्सों से दिखाई देगा. हालांकि, यह भारत से दिखाई नहीं देगा. बताया जा रहा है कि यह सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका के अलावा दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिणी अटलांटिक के देशों से दिखाई देगा.
Surya Grahan 2021 का सूर्य ग्रहण
साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 शनिवार को अमावस्या के दिन लग रहा है. (surya grahan date) वह भी इस बार की अमावस्या शनि अमावस्या है. मार्गशीर्ष महीने की यह अमावस्या तिथि 3 दिसंबर की दोपहर 04:55 बजे से 4 दिसंबर की दोपहर 01:12 बजे तक रहेगी. यह सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा।
Surya Grahan 2021: मुख्य बिन्दु
- आज है वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण
- सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखने को मिलेगा
- सूर्य छिपने के कारण भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा
कब है सूर्य ग्रहण?
तिथि 3 दिसंबर की दोपहर 04:55 बजे से 4 दिसंबर की दोपहर 01:12 बजे तक रहेगी. यह सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा।
Surya Grahan 2021 का समय क्या है?
साल 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2021) 4 December 2021 को 1:42 बजे से प्रारंभ होकर लगभग 6:42 बजे तक रहेगा।
सूर्य ग्रहण कहाँ देख पाएंगे?
- सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर
- हिंद महासागर
- दक्षिण अफ्रीका
- दक्षिण अमेरिका
- अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखने को मिलेगा।
कैसे घटता है सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण एक अनोखी घटना है जो चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के एक विशेष स्थिति में आने से घटित होता है। यह एक खगोलीय घटना है जिसमें सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है और पूरी तरह से सूर्य को ढककर पृथ्वी पर प्रकाश को आने से रोक लेता है।
Surya Grahan 2021 पर ज्योतिषीय विचार?
ज्योतिष शास्त्र चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण को महत्वपूर्ण मानते हैं। इन शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण घर के मुखिया को प्रभावित कर सकता है। भारतवर्ष में लोग ग्रहण के समय पूजा भी करते हैं। ग्रहण के दौरान कुछ कामों को करना निषेध भी मानते हैं जैसे भोजन करना, सोना इत्यादि जबकि सूर्य ग्रहण मात्र एक खगोलीय घटना है।
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क्या वास्तव में जीव की बुद्धि का हुआ है ग्रहण?
काल ब्रह्म और माया ने जीवात्माओं के विरूद्ध साजिश रची और सभी जीवों को अपने बंधन में कैद कर करके रखा हुआ है। यह हमारी बुद्धि पर उनके द्वारा वास्तविक ग्रहण था कि हम अपने विवेक से तय नहीं कर सके कि हमें अपने परमपिता परम ब्रह्म कबीर साहेब को छोड़कर काल के साथ नहीं आना है। काल को हम गलती से अपना परमेश्वर मानकर बैठे है। आज भी हम उनकी पूजा करते हैं जबकि काल ने हमारे कर्मानुसार फल का षड्यन्त्र रचा हुआ है। जबकि वास्तविक पिता कभी अपने पुत्रों को धोखा नहीं दे सकते। एक और पक्ष है कि हमारे असली परम पिता सर्वोच्च परमेश्वर हमेशा हमारी भलाई के बारे में चिंतित रहते हैं ।
कैसे मिलते है परम पिता परमात्मा?
कभी-कभी वे पृथ्वी पर या तो जिंदा बाबा या हरे बाबा (अल-खिद्र) के रूप में उतरते हैं या कभी कमल के फूल पर एक बच्चे के रूप में (कवीरदेव, अल्लाहू कबीर)। वे शाश्वत सत्य के ज्ञान और मोक्ष के लिए भक्ति के मार्ग को बताते हैं। सूर्यग्रहण के दिन हमें आत्म बंधन का एहसास करना चाहिए और इस बंधन से मुक्ति का मार्ग ढूँढना चाहिए।
मोक्ष के लिए कैसे तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की शरण में जाए?
एक बार हम समझ लें कि पूर्ण मोक्ष प्राप्त करने के लिए हमें पूर्ण परमात्मा कबीर साहब की गुरु शिष्य वंशावली में प्रबुद्ध संत रामपाल जी महाराज की शरण में जाना चाहिए। सतगुरु जी की सेवा करके और सरलता के साथ प्रश्न पूछकर हमें भक्ति का सही तरीका उनसे लेना चाहिए। अभ्यास करने पर हम निश्चित रूप से सतलोक के लिए प्रस्थान करेंगे । उस समय तक हम जीवन को खुशी से जीने के लिए सभी सांसारिक सुख की प्राप्ति करेंगे। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक जीने की राह को पढ़ें और सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल पर सत्संग सुनकर सत ज्ञान प्राप्त करें।