World Photography Day 2020: फोटोग्राफी के शौकीन उन लोगों के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है, 19 अगस्त को पूरी दुनिया भर में विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। माना जाता है कि इस खास दिन की शुरुआत 9 जनवरी, 1839 को जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने की थी। उस वक्त डॉगोरोटाइप प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसे दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है। 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की थी, इसी दिन की याद में ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे‘ यानी ‘विश्व फोटोग्राफी दिवस’ मनाया जाता है।
Who Invented the First Digital Camera?
- सन 1839 में फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुईस जेक्स और मेंडे डाग्युरे ने फोटो तत्व की खोज की थी।
- सन 1834 में टेल बॉट ने लाइट सेंसेटिव पेपर की खोज की।
World Photography Day Hindi
World Photography Day 2020: वैज्ञानिक तथा तकनीकी सफलता के साथ-साथ फोटोग्राफी ने भी आज बहुत बड़ी तरक्की की है। आज व्यक्ति के पास ऐसे-ऐसे साधन मौजूद हैं जिसमें सिर्फ बटन दबाते ही अच्छी अच्छी तस्वीरें उसके पास आ जाती है। दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो फोटोग्राफी के शौकीन हैं और उन्होंने फोटोग्राफी को ही अपना करियर चुन लिया।
आज हमें संसार के किसी दूरस्थ कोने में स्थित द्वीप के जनजीवन की सचित्र जानकारी बड़ी आसानी से प्राप्त हो जाती है, फोटोग्राफी का आविष्कार जहां दुनिया के लोगों को एक-दूसरे के करीब लाया, वहीं एक-दूसरे को जानने, उनकी संस्कृति को समझने तथा इतिहास को सुदृढ़ बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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World Photography Day 2020: एक समय था जब खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग फोटो खिंचाने के लिए कई किलोमीटर दूर फोटो स्टूडियो में जाया करते थे उस समय लोगों के पास कैमरा तक नहीं होता थे। लेकिन आज समय बदल गया है और लगभग हर इंसान के पास या तो कैमरा है या कैमरे वाला मोबाइल, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच सकते हैं और उन्हें सहेज कर रख सकते हैं। खासतौर पर ऐसे ही लोगों के लिए और दुनियाभर के फोटोग्राफरों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल ये दिवस मनाया जाता है।
World Photography Day [Hindi]
19 अगस्त 2010 को फोटोग्राफी के शौकीन या प्रोफेशनल फोटोग्राफरों के लिए एक एतिहासिक था, उस दिन पहली वैश्विक ऑनलाइन गैलरी की मेजबानी की गई थी। जो कि अब तक की पहली ऑनलाइन गैलरी थी, इस दिन 250 से ज्यादा फोटोग्राफरों ने तस्वीरों के माध्यम से अपने-अपने विचारों को साझा किया था, और 100 से अधिक देशों के लोगों ने वेबसाइट देखी थी।
- सोशल मीडिया पर प्रतिदिन अपलोड होती है करोड़ों तस्वीरें
- हर 1 मिनट में 2 लाख फोटो फेसबुक पर अपलोड होती हैं।
- फेसबुक पर प्रतिदिन30 करोड़ तस्वीरें अपलोड की जाती है
- ट्विटर पर हर मिनट में 1.36 लाख तस्वीरें शेयर की जाती हैं।
- इंस्टाग्राम पर रोज 95 करोड़ फोटो और वीडियो शेयर किए जाते हैं।
World Photography Day History [Hindi]-विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास
कहा जाता है कि अमेरिका के फोटो प्रेमी रॉबर्ट कॉर्नेलियस ऐसे अजूबे शख्स थे, जिन्होंने साल 1839 में दुनिया की पहली सेल्फी क्लिक की थी। हालांकि उस समय उन्हें ये पता नहीं था, कि ऐसा फोटा क्लिक भविष्य में सेल्फी के रूप में जाना जाएगा। यह तस्वीर आज भी यूनाइटेड स्टेट लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस प्रिंट में उपलब्ध है।
वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ मनाने के पीछे की कहानी सैकड़ों वर्ष पुरानी है। आज से लगभग 181 साल पहले हुई घटना के बाद से ही यह दिवस मनाया जाता है। इस खास दिन की शुरुआत 9 जनवरी, 1839 को फ्रांस में हुई थी। उस वक्त डॉगोरोटाइप प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसे दुनिया की पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया माना जाता है। इस प्रक्रिया का आविष्कार फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने किया था। 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की थी और इसी दिन की याद में ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ यानी ‘विश्व फोटोग्राफी दिवस’ मनाया जाता है।
World Photography Day 2020 Quotes [Hindi]
चाहिए उस का तसव्वुर ही से नक़्शा खींचना
देख कर तस्वीर को तस्वीर फिर खींची तो क्या
– बहादुर शाह ज़फ़
जिसकी आवाज़ में सिलवट हो, निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़े जाते
– गुलज़ार
तस्वीर मैंने मांगी थी शोखी तो देखिए
इक फूल उसने भेज दिया है गुलाब का
– अन्दलीब शादानी
आता था जिस को देख के तस्वीर का ख़याल
अब तो वो कील भी मेरी दीवार में नहीं
– ग़ुलाम मुर्तज़ा राही
परमेश्वर की भक्ति के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ हैं
21वीं सदी के इस दौर में आज जहां एक तरफ इंसान ने वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में तो बहुत बडी उपलब्धि हासिल कर ली है, लेकिन अध्यात्म ज्ञान से आज इंसान कोसों दूर होता जा रहा है। आज एक तरफ हमने परमाणु बम बना लिए बड़े-बड़े अत्याधुनिक मशीनें और डिजिटल कैमरे बना लिये लेकिन परमेश्वर के सत्य ज्ञान और सद्भक्ति को आज का युवा समाज समझने को तैयार नहीं है। कारण यह है कि बॉलीवुड ने आज समाज को बिगाड़ दिया है, जिस कारण से लोगों की आध्यात्मिकता में रुचि बिल्कुल समाप्त हो गई है,
हमे परमेश्वर के आध्यात्मिक ज्ञान को समझकर शास्त्र अनुकूल भक्ति करनी चाहिए ताकि हमारे मनुष्य जन्म का मूल उद्देश्य सफल हो सके, और हमें इस लोक में सुख समृद्धि तथा परलोक में भी हमारा जन्म मरण और 84 लाख योनियों का झंझट सदा सदा के लिए समाप्त हो जाए
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