Indian Air Force Day 2024 [Hindi] | भारतीय वायु सेना का आज 90वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के इतिहास में पहली बार एयरफोर्स डे की परेड का आयोजन चंडीगढ़ में हो रहा है। इससे पहले वायु सेना की एयरफोर्स डे की परेड का आयोजन गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर ही होता रहा है।
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force Day) के बारे में जानें
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force Day in Hindi) दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वायुसेना है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन एशिया में सबसे बड़ा है. भारतीय वायुसेना के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक यह अपने ध्येय वाक्य ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’ के मार्ग पर चल रहा है. इसका अर्थ है ‘गर्व के साथ आकाश को छूना.’ वायु सेना के इस ध्येय वाक्य को भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है. भारतीय वायुसेना का रंग नीला, आसमानी नीला और सफेद है.
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वायुसेना
बता दें कि भारतीय एयरफोर्स दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन वायु सेना स्टेशन एशिया में सबसे बड़ा है।
Indian Air Force Day | NDA परीक्षा करनी होगी क्वालीफाई
बता दें कि 12वीं के बाद अगर आप भी इंडियन एयर फोर्स ज्वाइन करना चाहते हैं तो NDA परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद भारतीय वायु सेना में शामिल हो सकते हैं। भारतीय वायु सेना की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, 17.5 से 19.5 वर्ष के बीच के उम्मीदवार ही वायु सेना के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
कैसे कर सकते हैं आवेदन
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force Day in Hindi) में शामिल होने के लिए लाखों युवा आवेदन भेजते हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे लोग होते हैं। जिन्हें भारतीय वायु सेना में जगह मिल पाती है। हालांकि, भारतीय वायु सेना में करियर बनाने के लिए बहुत अधिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। जो शख्स IAF के मानदंडो को पूरा कर पाता है, वह भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है।
क्या है इतिहास ( IAF DAY History )
देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (आरआईएएफ) कहा जाता था। 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था। भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी।
1932 में हुई थी भारतीय वायु सेना की स्थापना
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force Day) की स्थापना 1932 में हुई थी। उस वक्त देश में अंग्रेजों की हुकूमत थी। उस दौरान भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के नाम से जाना जाता था। हालांकि, जब देश आजाद हुआ तो रॉयल शब्द हटा दिया गया। जिसके बाद इसे भारतीय एयर फोर्स के नाम से जाना गया। इसलिए 8 अक्टूबर के दिन वायु सेना दिवस मनाया जाता है।
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कैसे मनाते हैं वायुसेना दिवस?
हिंडन में इस दिन पुरुष और महिला पायलटों की एक परेड आयोजित होती है। इस समारोह में वायुसेना प्रमुख सैन्य कर्मियों को पदक से सम्मानित करते हैं। इस साल चंडीगढ़ में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होने वाली हैं।
Indian Air Force Day [Hindi] | गीता से लिया गया है आदर्श वाक्य
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’। यह गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।
वायुसेना का ध्वज (Flag)
वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से अलग, नीले रंग का है जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात् केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।
भारतीय वायुसेना दिवस 2024: समारोह में क्या-क्या होगा
- शनिवार सुबह एयरफोर्स स्टेशन पर परेड होगी।
- परेड का निरीक्षण एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी करेंगे।
- IAF चीफ आज नई फाइटिंग यूनिफॉर्म का ड्राफ्ट भी लॉन्च करेंगे।
- इसके बाद MK-4 हेलिकॉप्टर ‘रुद्र’ फॉर्मेशन में उड़ेंगे।
- दिन में सुखना झील पर फ्लाई पास्ट का आयोजन होगा।
- फ्लाई पास्ट की शुरुआत पैराट्रूपर की ‘आकाश गंगा’ टीम के एएन-32 विमान से नीचे छलांग लगाने के साथ होगी।
- इसमें स्वदेशी तकनीक से बने हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर (LCH) ‘प्रचंड’ भी हिस्सा लेंगे।
- हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस, सुखोई, MiG-29, जगुआर, राफेल, IL-76, सी-130J और हॉक भी फ्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे।
- हेलिकॉप्टर्स में उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर ध्रुव, चिनूक, अपाचे और MI-17 भी हवाई प्रदर्शन का हिस्सा होंगे।
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भारतीय वायु सेना की ताकत
भारत की आजादी के बाद से अब तक भारतीय वायुसेना कुल 5 युद्ध लड़ चुकी है। इसमें से चार जंग भारत पाकिस्तान के बीच हुईं और एक चीन के खिलाफ लड़ी गई। पाकिस्तान के खिलाफ 1948, 1965, 1971 और 1999 में भारतीय वायुसेना जंग में शामिल हुई। चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक भारतीय वायुसेना के कुछ प्रमुख ऑपरेशनों में शामिल हैं।
भारतीय वायु सेना के बारे में अन्य रोचक जानकारी
- गाज़ियाबाद के हिंडन एयर फ़ोर्स स्टेशन में हर साल बड़े धूमधाम से इस दिन का आयोजन कराया जाता है, जिसमें एयर फ़ोर्स के जाबांज अपनी नई तकनीकों और अद्भुत स्किल्स का परिचय देते हैं. पूरा आसमान इस दिन भारतीय जवानों के करतबों का साक्षी बनता है. इस कार्यक्रम में आईएएफ चीफ़ समेत सभी बड़े डिफेंस स्टाफ मौजूद रहते हैं.
- आईएएफ का मोटो है “नभः स्पृशं दीप्तम्” मतलब आसमान को अपनी चमक के साथ गर्व से छूना जिसे ये सच में सार्थक करता नज़र भी आता है.
- ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन मेघदूत जैसे बड़े ऑपरेशंस की सक्सेस भी भारतीय वायु सेना के सहयोग के बिना अधूरी है. इसी के साथ आईएएफ यूनाइटेड नेशंस के साथ पीसकीपिंग मिशंस में बढ़ चढ़ भागीदारी निभाता है.
- भारतीय वायु सेना के पास लगभग 1400 एयरक्राफ्ट और 1.7 लाख कर्मचारी-विभाग हैं. आईएएफ में वूमेन फाइटर पायलट्स की संख्या भी कुछ कम नहीं है. यहां तक की राफेल फ्लीट में भी एक महिला फाइटर पायलट है.
वायुसेना दिवस के मैसेज | Air Force Day Quotes & Messages
उसे गुमां है कि मेरी उड़ान कुछ कम है
मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है
-नफ़स अम्बालवी
दे सलामी इस तिरेंगे को जिससे तेरी शान है
सिर हमेशा ऊंचा रखनाल इसका
जब तक दिल में जान है.
भारत देश हमारे लिए आन-मान-शान है,
भारतीय वायु सैनिकों का इस पर सब कुछ
कुर्बान है.
धरती से लेकर आसमान तक
हम देते हैं देश की सुरक्षा का पैगाम.
पंख उनकी जरूरत नहीं,
वो लोग जज्बे से हवाओं में हैं,
इश्क किया देश की मिट्टी से,
जिन्दगी सुपुर्द देश की वफाओं में हैं.
हम भारतीय वायु सेना का ह्रदय से सम्मान करते हैं
हिमालय भी छोटा लगता है जब वो अपनी उड़ान भरते हैं.
Indian Air Force Day [Hindi] | इंडियन एयरफोर्स की जिम्मेदारियां
इंडियन एयरफोर्स हमेशा से इंडियन नेवी और इंडियन आर्मी के साथ-साथ देश की रक्षा प्रणाली का एक मौलिक और महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। 1 जुलाई 2017 तक, इंडियन एयरफोर्स में 12,550 अधिकारी (12,404 की संख्या 146 के साथ सेवारत) और 142,529 एयरमैन (127,172 15,357 के साथ सेवारत) की स्वीकृत संख्या है।
वायुसेना पर न केवल भारतीय क्षेत्र को सभी जोखिमों से बचाने की जिम्मेदारी है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावित क्षेत्रों को सहायता भी मुहैया कराना है। IAF कई युद्धों में शामिल रहा है। जैसे- द्वितीय विश्व युद्ध, चीन-भारतीय युद्ध, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन विजय, कारगिल युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध, कांगो संकट, ऑपरेशन पूमलाई, ऑपरेशन पवन और कुछ अन्य।
कब भरी थी पहली उड़ान ?
भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी, लेकिन इसकी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को संचालित की गई। इसके पहले दस्ते में 6 आरएएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 एयर सोल्जर शामिल थे। पहला ऑपरेशन वजीरिस्तान में कबाइलियों के खिलाफ था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इसका विस्तार किया गया। भारतीय वायुसेना की जिम्मेदारी भारत को सभी संभावित खतरों से बचाना है और साथ ही आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करना है।
भारतीय वायुसेना का महत्व
भारतीय वायुसेना भारत के क्षेत्र और उसके राष्ट्रीय हितों को सभी खतरों से बचाती है और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सहायता प्रदान करती है। वायुसेना भारतीय सेना को युद्ध के मैदान में हवाई सहायता और रणनीतिक और सामरिक हवाई परिवहन क्षमता प्रदान करती है। भारतीय वायुसेना में अत्यधिक कुशल चालक दल के सदस्य और पायलट मौजूद हैं जिनके पास दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तेज कार्रवाई करने के लिए विशेष महारत हासिल है। इसके अलावा वायुसेना खोज और बचाव अभियान, और मालवाहकों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य भी करती है।