Last Updated on 30 October 2024: Children’s Day 2024: प्रत्येक वर्ष बाल दिवस (Children’s Day) 14 नवंबर को मनाया जाता है। आप सभी जानते है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों और गुलाब के फूलों से विशेष प्रेम था। बच्चों को इस दिन खूबसूरत संदेशों के जरिए भी बाल दिवस के अवसर पर प्रेरित करने वाली शिक्षा दी जाती हैं।
सभी बच्चे इस दिवस की प्रतीक्षा करते है और उनके लिए भी यह एक विशेष दिन होता है। यह दिवस बच्चों की प्रतिभाओं, भावनाओं और जुनून को उजागर करने के लिए समर्पित होता है। भारतवर्ष ही नहीं अपितु विश्व भर के देश अपने तरीके से अलग – अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाते हैं। बच्चों को बाल दिवस पर जानना चाहिए कि सत साधना को बाल्यकाल से ही सीखें और मानव जीवन को कृतार्थ करें।
Children’s Day 2024 के मुख्य बिन्दु
- भारत में प्रत्येक वर्ष बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है
- पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं
- संयुक्त राष्ट्र महासंघ (UN) के अनुसार नवंबर 20 को बाल दिवस मनाया जाता है
- बच्चों को बाल दिवस के अवसर पर प्रेरित करने वाली शिक्षा दी जाती हैं
- बच्चों की प्रतिभाओं, भावनाओं और जुनून को उजागर करने के लिए समर्पित होता है
- बच्चों को बाल दिवस पर जानना चाहिए कि सत साधना को बाल्यकाल से ही सीखें और मानव जीवन को कृतार्थ करें
कब मनाया जाता है बाल दिवस (Children’s Day 2024)?
बाल दिवस भारत वर्ष में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन पूरे देश में बाल दिवस (Children’s Day) के रूप में मनाया जाता है। आपको ज्ञात है कि जवाहर लाल नेहरू का जन्म प्रयाग राज में 14 नवंबर, 1889 (November 14, 1889) को हुआ था। पंडित जी को बच्चों से बहुत प्यार था इसी कारण से बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं। नेहरू जी के अनुसार बच्चे देश का भविष्य है इसलिए बच्चों को पूरा प्यार किया जाना चाहिए और उनकी अच्छी तरह से देखभाल की जानी चाहिए ताकि बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
कैसे हुई देश में बाल दिवस मनाने की शुरुआत?
27 मई 1964 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के निधन के पश्चात बच्चों के प्रति उनके अपार स्नेह को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया कि प्रत्येक वर्ष उनके जन्मदिवस पर नवंबर 14 को बाल दिवस मनाया जाएगा और बाल दिवस के कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किए जाएंगे। तभी से देश में प्रत्येक वर्ष नवंबर 14 को बड़े ही उत्साह के साथ यह दिवस मनाया जाता है।
क्या है विश्व बाल दिवस (World Children’s Day) का इतिहास?
प्रारम्भिक तौर पर बाल दिवस साल 1925 से मनाया जाना शुरू किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासंघ (UN) ने 1954 में नवंबर 20 को बाल दिवस मनाने की घोषणा कर दी थी। बाल दिवस विभिन्न देशों में मनाया जाता है। सभी अपने राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए अलग-अलग तारीखों पर बाल दिवस मनाते हैं। भारत में बाल दिवस प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद से 1964 से नवंबर 14 को मनाया जाने लगा।
क्या उद्देश्य है संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार बाल दिवस मनाने का?
बच्चों में छिपी प्रतिभा को उजागर करने और उनकी भावनाओं को प्रबल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व के सभी राष्ट्रों से सिफारिश की कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी देशों को बाल दिवस मनाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार बाल दिवस को विश्व भर में भाईचारे और समझ के प्रतीक के रूप मनाया जाना चाहिए और यह बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए विचार करने के लिए समर्पित यह एक अनुपम अवसर होना चाहिए।
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Children’s Day 2024: अन्य देशों में बाल दिवस
- चीन में 1 जून को बाल दिवस मनाया जाता है। अन्य राष्ट्रों की तरह चीन में यह एक महत्त्वपूर्ण अवसर होता है और यहाँ इस दिन आधिकारिक अवकाश रखा जाता है। यहां इस दिन बच्चों के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन को यहां इंटरनेशनल चिल्ड्रन्स डे की संज्ञा दी गई है।
- जर्मनी में बाल दिवस को किंडरटैग के नाम से पुकारते है और आधिकारिक रूप से 20 सितम्बर को मनाते हैं। यहां वर्ष में दो बार बाल दिवस मनाया जाता है। जर्मनी देश पहले दो भागों में बंटे होने के कारण पश्चिमी जर्मनी द्वारा बाल दिवस सितम्बर 20 को और पूर्वी जर्मनी द्वारा जून 1 को अपनाया गया था।
- मैक्सिको में बाल दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1925 में हुई थी और यह 30 अप्रैल को हर वर्ष मनाया जाता है यहां इस दिवस को अल डिया डेल निनो के नाम से मनाते हैं। इस दिवस पर यहां अवकाश नहीं किया जाता अपितु शिक्षा संस्थानों और नागरिकों द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
कैसे मनाया जाता है बाल दिवस?
बाल दिवस (Children’s Day) के अवसर पर विद्यालयों में नाना प्रकार के रंगारंग कार्यक्रमों, बाल मेलों और अनेकों प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर विद्यालयों में बच्चों को उपहार, मिठाईयां और टॉफियां भेंट स्वरूप बांटी जाती हैं।
- बाल दिवस (Children’s Day) के अवसर पर बच्चों को उपहार, मिठाईयां दिए जाते हैं
- इस दिन विद्यालयों में नाना प्रकार के रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजित किया जाता है
- बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है
- बाल दिवस (Children’s Day) के अवसर पर पढ़ाई नहीं कराकर खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन भी करते हैं
- बाल दिवस (Children’s Day) के अवसर पर विद्यालय बच्चों के लिए शैक्षणिक यात्रा का आयोजन भी करते हैं
कोरोनावायरस संक्रमण में कैसे मनाएं बाल दिवस
2020 में कोरोनावायरस महामारी संक्रमण के कारण सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं और बच्चों की शिक्षा कैसे सुचारु रूप से कराई जाए इस समस्या से जूझ रहे हैं। इसलिए इस वर्ष बाल दिवस पर बच्चों के लिए सामाजिक दूरी के सिद्धांत को प्रयोग करते हुए कैसे आधुनिक और सस्ते प्रयोगों के द्वारा पढ़ाई कराई जा सके इस विचार पर समर्पित करें तो बाल दिवस बच्चों के लिए सच्ची सद्भावना सिद्ध होगी।
क्या हैं बच्चों के विकास के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार?
Children’s Day 2024 (बाल दिवस) पर जानते हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू के अनमोल विचार
- जब व्यक्ति अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाता है तब उसे विफलता ही मिलती है।
- संकट के समय में छोटी से छोटी बात का भी महत्व होता है।
- लोगों की कला उनके मन के विचारों को दर्शाती है।
- मन और आत्मा का विस्तार है संस्कृति।
- जिस व्यक्ति को सब कुछ मिल जाता है, वह हमेशा शांति और व्यवस्था के पक्ष में रहता है।
- सुखी जीवन के लिए शांतिमय वातावरण का होना आवश्यक है।
- दीवार के चित्रों को बदल कर हम इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते हैं।
- किसी भी कार्य को लगन और कुशल पूर्वक करने से ही सफलता मिलती है। सफलता तुरंत नहीं मिलती है, सफलता के लिए इंतजार करना पड़ता है।
- लोकतंत्र अच्छा है, क्योंकि अन्य प्रणालियां इससे कहीं गुना खराब हैं।
बाल दिवस पर क्या है यथार्थ शिक्षा बच्चों के लिए?
बाल दिवस पर बच्चों को जानना चाहिए मनुष्य जीवन में जन्म लेने का वास्तविक उद्देश्य। उद्देश्य मात्र विद्यालयी शिक्षा को लेकर जीविका उपार्जन करना नहीं है अपितु शास्त्रों के अनुसार तत्वज्ञान को जानना, तत्वदर्शी संत की पहचान करना और सत साधना को करके जन्म मृत्यु के चक्र से पार जाकर शाश्वत जगत में रहना।
इसके लिए “सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल” पर तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सत्संग श्रवण करना और “पवित्र पुस्तक जीने की राह” का अध्ययन करना आवश्यक है। बच्चों को यह नहीं सोचना चाहिए कि मोक्ष के बारे में बुढ़ापे में विचार करना है बल्कि यह समझना चाहिए कि मृत्यु कब आ जाएगी यह अनिश्चित है अतः बाल्यकाल से ही तत्वज्ञान को ग्रहण करना है। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराना है।
Children’s Day 2024 Hindi Quotes: पंडित जवाहर लाल नेहरू के उद्धरण
”ईमानदार और कार्यकुशल बड़े लक्ष्य के लिए काम करते हैं, भले ही उन्हें तुरंत पहचान ना मिले, अंतत: उसका फल मिलता है.”
”समय सालों के बीतने से नहीं, बल्कि कोई क्या करता है, क्या महसूस करता है और क्या हासिल करता है, से मापा जाता है.”
”दूसरे हमारे बारे में क्या सोचते हैं, उससे कहीं अधिक ये मायने रखता है कि हम वास्तव में हैं क्या.”
”जीवन में शायद भय जितना बुरा और खतरनाक कुछ भी नहीं है.”
”अत्यधिक सतर्क रहने की नीति सभी खतरों में सबसे बड़ी है.”
”तथ्य, तथ्य होते हैं और आपकी पसंद के हिसाब से गायब नहीं हो जाएंगे.”
”असफलता तभी होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं.”
”वह व्यक्ति जो अधिकतर अपने गुणों का बखान करता है प्राय: बहुत ही कम गुणवान होता है.”
”अज्ञानता हमेशा बदलाव से डरती है.”