World Hindi Day 2024 (विश्व हिंदी दिवस): हिंदी हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा है और हर भारतीय को अपनी भावनाओं, विचारों और आज़ादी को व्यक्त करने का गौरव प्रदान करती है।
विश्वभर में हिन्दी भाषा का विकास करने और इसे प्रचारित- प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था इसीलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने प्रत्येक 10 जनवरी को, विश्व हिंदू दिवस रूप में मनाने की घोषणा की । नॉर्वे में पहला विश्व हिंदी दिवस भारतीय दूतावास ने मनाया था इसके बाद दूसरा और तीसरा विश्व हिंदी दिवस भारतीय नॉर्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फॉर्म के तत्वाधान में लेखक सुरेशचंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में मनाया गया था।
विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day 2024) से जुड़ी मुख्य बातें
- पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था।
- इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
- 2006 के बाद से हर साल 10 जनवरी को विश्वभर में विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
- हिन्दी दुनिया भर में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली पचार भाषाओं में से एक है।
- इंदिरा गांधी, ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था।
- इंदिरा गांधी द्वारा उद्घाटन के बाद से, विश्व हिंदी सम्मेलन भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), यूनाइटेड किंगडम (यूके), त्रिनिदाद और टोबैगो और मॉरीशस जैसे विभिन्न देशों में हिंदी के महत्व को चिह्नित करने और इसे वैश्विक के रूप में बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया।
- भाषा का कार्य केवल इतना है कि हम अपनी बात दूसरों को सरल भाषा में समझा सकें और जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के अथक प्रयासों से हिंदी संपूर्ण संसार में ख्याति प्राप्त करेगी और वह दिन दूर नहीं जब भारत विश्व गुरु बनेगा।
विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day 2024) कैसे मनाया जाता है?
- विदेशों में भारतीय दूतावास विश्व हिंदी दिवस पर सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिंदी में कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
- विश्व भर में हिन्दी प्रेमी इस दिन हिंदी भाषा में अलग-अलग विषयों पर अलग-अलग लेख /कविताएं लिखते हैं और हिंदी भाषा के मृदुल स्वभाव को दिखाते हैं।
- विद्यालयों, कॉलेजों में भी हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होती है । विश्व हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना, हिंदी भाषा के लिए जागरूकता पैदा करना, हिंदी भाषा के महत्व को बताना तथा हिन्दी को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है।
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हिंदी का लंबा इतिहास (History of Hindi Language)
World Hindi Day (Vishwa Hindi Divas): भारत का एक बड़ा भाग हिंदी भाषी है। केवल भारत नहीं बल्कि अन्य देशों में भी हिंदी बोली जाती है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कई प्रयत्न किए गए। वर्ष 1918 में ही गांधी जी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात कही। गांधी जी हिंदी को जनमानस की भाषा कहते थे।
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हिंदी के कई पुरोधाओं के अथक परिश्रम और लंबे संघर्ष के बाद 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राष्ट्रभाषा तो नहीं किन्तु राजभाषा बनाने पर अवश्य निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त कई संस्थाओं ने भी अपने अपने स्तर पर योगदान दिया। और वर्ष 2006 में विश्व हिंदी दिवस प्रत्येक 10 जनवरी को मनाने की घोषणा हुई।
हिंदी भाषा और विश्व हिंदी दिवस को लेकर रोचक जानकारी
- हिंदी भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत का शुद्ध रूप है । हिंदी विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे स्थान पर है जिसे लगभग 615 मिलियन लोग बोलते हैं। हिंदी भाषा हिंदुस्तान, पाकिस्तान, नेपाल,बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, सूरीनाम, त्रिनिदाद मॉरीशस, साउथ अफ्रीका समेत कई देशों में बोली जाती है।
- सन 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार ,अच्छा, बड़ा दिन, बच्चा, सूर्य नमस्कार, जैसे हिंदी शब्दों को शामिल किया गया और “अवतार” जैसे कुछ अन्य शब्दों को भी शामिल किया गया है।
- बिहार की राजभाषा हिंदी है देश में हिंदी को राजभाषा बनाने वाला सबसे पहला राज्य बिहार ही बना था। बिहार में आजादी से पहले से हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- भारत में लगभग 70 से 80% लोग हिंदी, लिखते,पढ़ते, बोलते समझते और हिंदी में ही कार्य करते हैं।
- वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने पर ज़ोर दिया था महात्मा गांधी जी ने इसे जनमानस (जनसाधारण ) की भाषा कहा था।
- आज के समय में विश्व के सैकड़ों विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है।
- हिंदी के महान साहित्यकार राजेन्द्र सिंह ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी। उनके संघर्ष और मेहनत की वजह से हिंदी राष्ट्रभाषा बन सकी।
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भारत ऐसे बनेगा विश्व गुरु
सभी महान भविष्य वक्ताओं के अनुसार एक ऐसा महापुरुष,अवतार हिंदू संत भारत में अवतार ले चुका है जो हिंदी भाषा को विश्व के मंच पर अद्वितीय ख्याति प्राप्त करवाएगा । वैसे सभी भाषाओं को आदर की दृष्टि से देखा जाएगा किंतु हिंदी भाषा के प्रति विश्व का झुकाव एक अलग तरीके का होगा जो महापुरुष हिंदी को विश्व में सम्मान ख्याति दिलवायेगा वह कोई और नहीं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं।
वर्तमान समय में सभी सदग्रंथों से प्रमाणित सत्य ज्ञान को प्रदान कर रहे हैं और सभी धर्मों, मजहबों, और जातियों के लोग संत रामपाल जी महाराज जी से जुड़कर पूर्ण ब्रह्म कबीर भगवान की भक्ति कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज भारत को विश्व गुरु और महाशक्ति बनाने को लेकर अग्रसर हैं। आप भी उनके सत्संग/ गुरु वचनों को प्रतिदिन साधना चैनल पर शाम 7.30-8.30 सुनें।