World Food Safety Day 2025 [Hindi] : जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्त्व?

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World Food Safety Day 2025 [Hindi] : विश्वभर में 7 जून को हर वर्ष ‘विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस’ मनाया जाता है. खाद्य सुरक्षा यह सुनिश्चित करती है कि खाद्य सामग्री (Food Products) के उपभोग से पहले फसल का उत्पादन, भंडारण और वितरण तक खाद्य श्रृंखला का हर स्टेप पूरी तरह से सुरक्षित हो.

इस वर्ष के लिए थीम (World Food Safety Day Theme in Hindi)

हर वर्ष इस दिन के लिए एक थीम यानी विषय तय किया जाता है. विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के लिए इस वर्ष यानी 2025 की थीम तय नहीं की गयी है। हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के दिन आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम तय की गयी थीम पर ही आधारित होंगे. लेकिन कोरोना महामारी के चलते ये कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किये जायेंगे.

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का इतिहास (World Food Safety Day History in Hindi)

ये दिन खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करता है और इस दिन को मनाये जाने की घोषणा दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से की गयी थी.यह खाद्य जनित रोगों के संबंध में दुनिया पर पड़ने वाले बोझ को पहचानने के लिए था. विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं खाद्य और कृषि संगठन इस क्षेत्र से संबंधित अन्य संगठनों के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने के लिए मिलकर काम करते हैं. विश्व स्वास्थ्य सभा ने दुनिया में खाद्य जनित बीमारियों के बोझ को कम करने के लिए खाद्य सुरक्षा की दिशा में प्रयासों को मजबूत करने का निर्णय लिया है.

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खाद्य सुरक्षा दिवस का महत्व

खाद्य सुरक्षा यह सुनिश्चित करती है कि खाद्य सामग्री के उपभोग से पहले फसल का उत्पादन, भंडारण और वितरण तक खाद्य श्रृंखला का हर स्टेप पूरी तरह से सुरक्षित हो. इसी की वजह से खाद्य सुरक्षा दिवस का महत्व बढ़ जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दूषित खाद्य या बैक्टीरिया युक्त खाद्य से हर साल 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है.

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विश्व भर आबादी के अनुसार अगर देखा जाए तो यह आंकड़ा साठ करोड़ पार कर जाता है. दुनियाभर में विकसित और विकासशील देशों में हर वर्ष भोजन और जलजनित बीमारी से लगभग तीस लाख लोगों की मौत हो जाती है.

खराब खाद्य सामग्री से 30 लाख लोगों की होती है मृत्यु

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दूषित खाद्य या बैक्टीरिया युक्त खाद्य से हर साल 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है। दुनियाभर में बीमारों का यह आंकड़ा लगभग 60 करोड़ पार है जिसमें से 30 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। मृत्यु के इस आंकड़े को कम करने के लिए ही खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता के प्रति विशेष ध्यान दिया जाता है।

कोरोना काल और विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस

कोरोना काल और विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस कोरोना महामारी काल में ये दिन और इसका महत्व और भी अहम हो जाता है। कोरोना काल में खाने का कितना ध्यान रखना जरूरी है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि कोरोनो वायरस (कोविड -19) महामारी को लेकर कई रिपोर्ट में दावा किया है कि ये चीन के वुहान के एक ‘वेट मार्केट’ से फैला है। कोरोना काल में एक्सपर्ट ने बाहर का खाना ना खाने और फास्ट फूड के सेवन ना करने की सलाह दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आज के वक्त में लोग अपने आय का 45 प्रतिशत हिस्सा होटल और रेस्टोरेंट के भोजन पर खर्च कर देते हैं। जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

Credit: OneIndia

इसलिए ये हम सब की जम्मेदारी बनती है कि कोरोना काल में बाहर के खाने को नजरअंदाज किया जाए। कोरोना काल में अन-हेल्दी खाना जैसे फास्ट फूड, जंक फूड को ना खाएं, क्योंकि इससे आपकी इम्युनिटी पावर बढ़ने में कोई मदद नहीं मिलती है। इसके अलावा आपको ये भी ध्यान रखना है कि आप जो भी खाएं वह साफ और सुरक्षित हो। इसलिए इस वक्त घर पर बना खाना खाने की सलाह दी जा रही है। जिसमें फलों, सब्जियों, दूध-जूस इत्यादि का सेवन करने के लिए कहा जाता है। फास्ट फूड, जंक फूड से पाचन और हृदय प्रणाली पर प्रभावित होता है, ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। इसके अलावा टाइप -2 डायबिटीज और वजन बढऩे की संभावना बनती है।

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के जागरुकता बढ़ानेवाले कोट्स (Quotes)

  • आओ अपने भोजन को अपनी दवा बनाएं, और अपनी दवा को अपना भोजन.
  • खाद्य सुरक्षा फूड चेन में हर शख्स को शामिल करती है. 
  • लोगों को किचन में वापस लाएं और प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड की प्रवृत्ति का मुकाबला करें.
  • शरीर के लिए भोजन पर्याप्त नहीं है. आत्मा के लिए भोजन जरूर होना चाहिए. 

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